FD Interest Rate : ग्राहकों को तगड़ा झटका, इस बैंक की FD पर अब मिलेगा कम ब्याज।।

FD Interest Rate : आज के समय में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। बैंकों की ओर से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर FD पर आकर्षक ब्याज दरें पेश की जाती रही हैं। लेकिन हाल ही में भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रेपो रेट में लगातार तीसरी बार की गई कटौती के बाद, इस निवेश विकल्प पर असर पड़ा है।

FD Interest Rate : रेपो रेट में कटौती से घटा FD पर रिटर्न

RBI ने इस साल अब तक रेपो रेट में कुल 1 प्रतिशत की कटौती की है। फरवरी में 25 बेसिक प्वाइंट्स, अप्रैल में फिर 25 प्वाइंट्स और हाल ही में हुई मौद्रिक नीति बैठक में 50 आधार अंक की कटौती की गई है। इसके चलते अब रेपो रेट घटकर 5.50% पर आ गया है। रेपो रेट में कमी से जहां होम लोन लेने वालों को राहत मिली है, वहीं बैंक FD में निवेश करने वालों को कम ब्याज दरों से निराशा हो सकती है।

HDFC बैंक ने घटाई FD ब्याज दरें

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, HDFC ने भी RBI की रेपो रेट कटौती के बाद अपने FD रेट्स में बदलाव किया है। बैंक ने 3 करोड़ रुपये से कम की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 25 बेसिक पॉइंट्स की कटौती की है।

अब मिलने वाली ब्याज दरें इस प्रकार हैं:

  • सामान्य नागरिकों के लिए: 2.75% से 6.15% सालाना

  • सीनियर सिटीजन के लिए: 3.25% से 6.65% सालाना

पहले जहां HDFC बैंक 21 महीने की FD पर 7.25% तक ब्याज दे रहा था, अब अधिकतम ब्याज दर घटकर 6.6% तक रह गई है।

नई दरें कब से लागू हैं?

HDFC बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ये नई ब्याज दरें 10 जून 2025 से लागू हो चुकी हैं।

CRR में भी कटौती, बैंकों को मिलेगी अतिरिक्त नकदी

RBI ने सिर्फ रेपो रेट ही नहीं, बल्कि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिक प्वाइंट्स की कटौती कर इसे 3% कर दिया है। इससे बैंकों को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध हो सकेगी।

क्या है इसका असर निवेशकों पर?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब रेपो रेट घटता है तो बैंकों को कम दर पर कर्ज मिलता है, जिससे वे FD जैसे साधनों पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती कर देते हैं। यह रणनीति बैंकों के लेंडिंग और डिपॉजिट रेट्स को बैलेंस करने के उद्देश्य से अपनाई जाती है।

क्या आगे और कटौतियां होंगी 

फिलहाल आरबीआई की ओर से निकट भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती की संभावना कम है। ऐसे में FD निवेशकों को अब अधिक सतर्क रहकर, ब्याज दरों की तुलना कर निवेश करना चाहिए।

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